कुछ पन्ने बेनाम से ज़िंदगी का हिस्सा है एक-एक हरफ़ .....एक-एक पन्ना .....एक-एक सांस के नाम मगर बेनाम ....नहीं खोलते कुछ भी .....ये राज़ नहीं ....बस वादा है निभा रहा हूँ खुद से सच्चाई ....वो जो बेनाम जुडते हैं साथ रहते हैं ता-उम्र हर लम्हे के साथ एक-एक लम्हा .... माज़ी का.....हाल का.....आने वाले कल का ....ज़िंदगी का नाम है वो सब पढ़ रहे हैं जिनके नाम है जिनसे नाम है बेनाम ज़िंदगी के खूबसूरत चेहरे जो सिर्फ रूह को दिखते हैं जो सिर्फ रूह में रहते हैं आईना है मेरे रूह के अक्स बाहर-भीतररूह के साथ रूह में शामिलरूह के रूप
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